कन्हैया की कहानी, जे एन यू की जवानी
सबसे मुखर बन के आई
कल का वो जीरो, आज का वो हीरो
प्रेस की है ये मेहरबानी
अभिब्यक्ति की आज़ादी, देश की बरबादी
बहस ये मुखर बन के आई
कन्हैया की गुहार, जज की फटकार
प्रेस में मुखर बन के आई
जे एन यू के प्रबुद्ध जन रोकें नारे बिरोधी वतन
जज ने गुहार ये लगायी
सीमा के प्रहरियों ने जान है गवाई
जज ने याद हमें है ये दिलाई
खुद को फिर से देखो नासूरी अंग को काट फेंको
जज ने सीख अपनी दुहराई
कन्हैया छूट के आया माहौल है गर्माया
जज की सीख उसने है भुलाई
करो कोर्ट का आदर अभिब्यक्ति करो सीमा में रहकर
वतन उन्नति में जुट जाओ
ये वतन है हमारा , सारी दुनिया से न्यारा
न्योछावर इस पर हो जाओ /
चन्दन अधिकारी
मार्च ५, २०१६