Tags

, , , , ,


मेरे तन में बसे हैं राम

मेरे मन में बसे हैं राम

मेरे प्राण में बसे हैं राम

मेरा त्राण करेंगे राम

राम राम राम राम – २ |

हर पल में बसे हैं राम

हर प्राणी में बसे हैं राम

रोम रोम में बसे हैं राम

कण कण में बसे हैं राम

राम राम राम राम – २ |

र से राम , श से श्याम

राम श्याम दोनों घनश्याम

दो हैं नाम पर एक ही प्राण

परमपिता और परमधाम

राम राम राम राम – २ |

एक धनुर्धर एक चक्रधारी

भक्तों की दोनों पीड़ा हैं तारी

मानव तन में दोनों अवतारी

संकटमोचक और भवभयहारी

राम राम राम राम – २ |

एक मर्यादित पुरुषों में उत्तम

एक है बिहंगम देवकीनन्दन

रावण मर्दन कंस निकंदन

नीलाम्बुज और मुनि मन रंजन

राम राम राम राम – २ |

चन्दन अधिकारी

मार्च १२, २०१६